किसी के डर से यह कलम ना रोक पाए गे,जब तक जिए गे हर मुददे पे लिखते जाए गे
ना जाने कब तक इन साँसों को चलाया जाए गा,जो यह कलम अकेले ना कर पाई..
वो इन टूटती साँसों का साथ कर जाए गा..
ना जाने कब तक इन साँसों को चलाया जाए गा,जो यह कलम अकेले ना कर पाई..
वो इन टूटती साँसों का साथ कर जाए गा..