Thursday 5 June 2014

मौत कब ले जाए गी हमे....

आऔ दोसतों आप सब को यह पैगाम दे जाए....


इनहीं पननों मे हमे याद करना,वकत कितना भी कय़ू ना गुजर जाए....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...