रासते बनाए जाते हैं अपने ईमान से,किसी के रासतों को काट कर नहीं...
डूबते सूरज को सलाम कोई नही करता,कया उस का वजूद नही होता..
रात ढलती हैं,एक नई सुबह को फिऱ लाती हैं..लेकिन इस बार उसी सूरज को..
यही दुनियाँ सलाम करती हैं..कयो कि यही ढलता सूरज एक नई रौशनी लाता है..
डूबते सूरज को सलाम कोई नही करता,कया उस का वजूद नही होता..
रात ढलती हैं,एक नई सुबह को फिऱ लाती हैं..लेकिन इस बार उसी सूरज को..
यही दुनियाँ सलाम करती हैं..कयो कि यही ढलता सूरज एक नई रौशनी लाता है..