Monday 9 June 2014

फिजा मे तेरे पयार की महक आज भी है,यकीँ तेऱे पयार पे मुझे आज भी है..

तनहाईयाँ कितनी भी चली हो साथ मेरे,पर तेरे पयार का,तेरे खवाब का..

              साथ आज भी हैं....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...