यही कही है वज़ूद मेरा,मुझी से मुझ मे लिपटा हुआ...ढलके अश्क़ तो भी कहा जुदा हुआ मुझ से...लब
मुस्कुराए तो और करीब आ गया मेरे...तकलीफ-दर्दो मे दूर ना हुआ मेरा वज़ूद मुझ से...ठोकर खाई
हज़ारो बार इस ज़माने से,सख्ती से सिमट गया मुझी मे वज़ूद यह मेरा...सर उठा कर चलते रहे तेरे ही
साथ वज़ूद मेरे....तेरे रूप के हर रूप मे,हम ज़िंदा रहे..क्यों कि तू मेरा अपना प्यारा सा दिलकश वज़ूद
जो है...
मुस्कुराए तो और करीब आ गया मेरे...तकलीफ-दर्दो मे दूर ना हुआ मेरा वज़ूद मुझ से...ठोकर खाई
हज़ारो बार इस ज़माने से,सख्ती से सिमट गया मुझी मे वज़ूद यह मेरा...सर उठा कर चलते रहे तेरे ही
साथ वज़ूद मेरे....तेरे रूप के हर रूप मे,हम ज़िंदा रहे..क्यों कि तू मेरा अपना प्यारा सा दिलकश वज़ूद
जो है...