Friday 17 July 2020

यही कही है वज़ूद मेरा,मुझी से मुझ मे लिपटा हुआ...ढलके अश्क़ तो भी कहा जुदा हुआ मुझ से...लब

मुस्कुराए तो और करीब आ गया मेरे...तकलीफ-दर्दो मे दूर ना हुआ मेरा वज़ूद मुझ से...ठोकर खाई

हज़ारो बार इस ज़माने से,सख्ती से सिमट गया मुझी मे वज़ूद यह मेरा...सर उठा कर चलते रहे तेरे ही

साथ वज़ूद मेरे....तेरे रूप के हर रूप मे,हम ज़िंदा रहे..क्यों कि तू मेरा अपना प्यारा सा दिलकश वज़ूद

जो है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...