इन्ही खूबसूरत और नाज़ुक फूलों की तरह,हम रहे गे साथ तेरे आसमां के उस छोर की तरह...जिस का
सिरा तू कभी ना ढूंढ पाए गा...मुझे तलाश करने की खातिर तू पूरा आसमां पार कर जाए गा...ऐसी ऐसी
आंखमिचोली संग तेरे खेले गे...तू ना कहे जब तल्क़ मुँह से अपने,लौट आ ना अब नज़दीक मेरे अब बहुत
हुआ..हम यह आंखमिचोली तब तल्क़ खेले गे...ज़िद्दी तुम हो तो हम भी तुझी से सब सीखे है..नाज़ुक है
इन्ही फूलों की तरह,मगर आसमां के छोर से आज भी बंधे है...
सिरा तू कभी ना ढूंढ पाए गा...मुझे तलाश करने की खातिर तू पूरा आसमां पार कर जाए गा...ऐसी ऐसी
आंखमिचोली संग तेरे खेले गे...तू ना कहे जब तल्क़ मुँह से अपने,लौट आ ना अब नज़दीक मेरे अब बहुत
हुआ..हम यह आंखमिचोली तब तल्क़ खेले गे...ज़िद्दी तुम हो तो हम भी तुझी से सब सीखे है..नाज़ुक है
इन्ही फूलों की तरह,मगर आसमां के छोर से आज भी बंधे है...