आ तुझे तेरे ही जैसे इक समंदर से मिलवा दे...इसलिए इस समंदर के नज़दीक तुझे आज ले आए है...
देख,है ना गहरा तेरी तरह..अपने अंदर छुपाए बैठा है हज़ारों राज़,तेरी ही तरह..खारा भी वैसा ही है,
जैसे तेरा वज़ूद है खारा इस के पानी की तरह...कभी आए गा यह मिलने हमी से,तूफ़ान की तरह...
भिगो जाए गा पूरी तरह तेरी मीठी बातो की तरह...कभी खुद मे ग़ुम हो जाए गा तेरे बदले हुए चेहरे
की तरह...इंतज़ार करे बेशक चारो पहर,मगर यह ना होगा टस से मस,तेरी बेरुखी की तरह...यह
समंदर है जानम,बिगड़ैल बिलकुल तेरी ही तरह....
देख,है ना गहरा तेरी तरह..अपने अंदर छुपाए बैठा है हज़ारों राज़,तेरी ही तरह..खारा भी वैसा ही है,
जैसे तेरा वज़ूद है खारा इस के पानी की तरह...कभी आए गा यह मिलने हमी से,तूफ़ान की तरह...
भिगो जाए गा पूरी तरह तेरी मीठी बातो की तरह...कभी खुद मे ग़ुम हो जाए गा तेरे बदले हुए चेहरे
की तरह...इंतज़ार करे बेशक चारो पहर,मगर यह ना होगा टस से मस,तेरी बेरुखी की तरह...यह
समंदर है जानम,बिगड़ैल बिलकुल तेरी ही तरह....