Thursday 16 July 2020

आ तुझे तेरे ही जैसे इक समंदर से मिलवा दे...इसलिए इस समंदर के नज़दीक तुझे आज ले आए है...

देख,है ना गहरा तेरी तरह..अपने अंदर छुपाए बैठा है हज़ारों राज़,तेरी ही तरह..खारा भी वैसा ही है,

जैसे तेरा वज़ूद है खारा इस के पानी की तरह...कभी आए गा यह मिलने हमी से,तूफ़ान की तरह...

भिगो जाए गा पूरी तरह तेरी मीठी बातो की तरह...कभी खुद मे ग़ुम हो जाए गा तेरे बदले हुए चेहरे

की तरह...इंतज़ार करे बेशक चारो पहर,मगर यह ना होगा टस से मस,तेरी बेरुखी की तरह...यह

समंदर है जानम,बिगड़ैल बिलकुल तेरी ही तरह....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...