बावरा मन अब किसी की सुनता ही नहीं...तुझे सोचे बिना अब कुछ करता ही नहीं..दीवाने है,बस यह
बरसों से सुनते आए है..परदे के पीछे रह कर तालिया नहीं बजाई कभी ..बिंदास थे तब भी,आज भी
भी बिंदास रहते आए है...जो किया बस कर दिया,जो नहीं किया उस के बाद सोचा कुछ भी नहीं...
प्यार-प्रेम का दिखावा क्यों करते,प्रेम को जब लहू के साथ जी लिया हर पल..इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम,यह
दुनियां की रीत है..यह रीत समझ जब आई,तब साँसों ने गिनती अपनी और बढ़ाई....
बरसों से सुनते आए है..परदे के पीछे रह कर तालिया नहीं बजाई कभी ..बिंदास थे तब भी,आज भी
भी बिंदास रहते आए है...जो किया बस कर दिया,जो नहीं किया उस के बाद सोचा कुछ भी नहीं...
प्यार-प्रेम का दिखावा क्यों करते,प्रेम को जब लहू के साथ जी लिया हर पल..इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम,यह
दुनियां की रीत है..यह रीत समझ जब आई,तब साँसों ने गिनती अपनी और बढ़ाई....