साथ जब चुन लिया अनंत-काल तक का..तो प्यार के दौर मे मोड़ बहुत से आए गे..आए गी कभी ख़ुशी
तो कभी गम ज़ी भर-भर रुलाए गे...कभी आए गी ग़ुरबत तो कभी और परेशानियां कहर बन जाए गी..
यह फैसले कुदरत के है जो आज़मायश पे आज़मायश लेती है...दर्द के दौर मे भी कौन कितना है वफ़ा
से भरा,यह पहचान लेती है...साँसे तब भी नाम तेरे थी,आज भी है..तो क्यों मान ले प्यार अंदर से मर गया..
ज़िस्मों को मरना है एक दिन,फिर प्यार पे इक किताब क्यों ना लिख दे आज के दिन...
तो कभी गम ज़ी भर-भर रुलाए गे...कभी आए गी ग़ुरबत तो कभी और परेशानियां कहर बन जाए गी..
यह फैसले कुदरत के है जो आज़मायश पे आज़मायश लेती है...दर्द के दौर मे भी कौन कितना है वफ़ा
से भरा,यह पहचान लेती है...साँसे तब भी नाम तेरे थी,आज भी है..तो क्यों मान ले प्यार अंदर से मर गया..
ज़िस्मों को मरना है एक दिन,फिर प्यार पे इक किताब क्यों ना लिख दे आज के दिन...