खूबसूरती तो उस सवाल मे थी जो पूछा ही ना गया...और जो सवाल दिल मे था वो जुबां पे आ के रुक
सा गया..वो मुहब्बत का कौन सा मोड़ रहा जो गुजरा तो मगर गुजर ना सका...थम गई धरती और यह
आसमां जैसे बेहद खामोश सा हो गया...फिर अँधेरे को चीरती इक गज़ब की लो झिलमिलाई और वक़्त
को कुछ और आगे ले गई..सन्नाटा जो पसरा था दूर तक वो अचानक रौशनी दे गया...अब खूबसूरती
सवाल मे भी थी और जवाब दिल की किताब मे था...
सा गया..वो मुहब्बत का कौन सा मोड़ रहा जो गुजरा तो मगर गुजर ना सका...थम गई धरती और यह
आसमां जैसे बेहद खामोश सा हो गया...फिर अँधेरे को चीरती इक गज़ब की लो झिलमिलाई और वक़्त
को कुछ और आगे ले गई..सन्नाटा जो पसरा था दूर तक वो अचानक रौशनी दे गया...अब खूबसूरती
सवाल मे भी थी और जवाब दिल की किताब मे था...