शिरकत जो की महफ़िल मे धीमे कदमो से,मंज़र सारा बदल गया...मुस्कुरा कर जो आदाब किया सब
से,महफ़िल मे जैसे धमाका सा ही हो गया...अपनों को देखा तो आंखे चमक उठी,लोगो को बिजली का
चमकना ऐसा ही अंदेशा हुआ...गुफ्तगू करने जो लगे,सब को सितारों का टिमटिमाना क्यों लगा...अदा
से घूमे जहा तहा,महफ़िल को तो जैसे हमारा आना एक खूबसूरत बहाना ही लगा...क्या कहे मामूली से
किरदार है,कुदरत के हाथो से बने..अब यह जहाँ तारीफ पे तारीफ दे तो भला हम क्या करे...
से,महफ़िल मे जैसे धमाका सा ही हो गया...अपनों को देखा तो आंखे चमक उठी,लोगो को बिजली का
चमकना ऐसा ही अंदेशा हुआ...गुफ्तगू करने जो लगे,सब को सितारों का टिमटिमाना क्यों लगा...अदा
से घूमे जहा तहा,महफ़िल को तो जैसे हमारा आना एक खूबसूरत बहाना ही लगा...क्या कहे मामूली से
किरदार है,कुदरत के हाथो से बने..अब यह जहाँ तारीफ पे तारीफ दे तो भला हम क्या करे...