Monday 17 December 2018

तेरा अंदाज़ जो दिल को ना छुआ होता,तेरी राहो मे तेरे हमक़दम ना बनते...तेरे लफ्ज़ो मे इतनी नरमी

ना होती,तो कभी तेरे इतने नज़दीक ना आते...ग़लतियों पे मुझे यू हक़ से ना डांटा होता,कसम खुदा की

ज़िंदगी  तेरे साथ गुजारने का वादा ना किया होता...टुकड़े टुकड़े कभी यू ना टूटे होते,मरते मरते यू ही

मर गए होते...गर तेरी पाक मुहब्बत ने उस वक़्त सहारा ना दिया होता...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...