Saturday 22 December 2018

सब कुछ जान कर भी अनजान बने रहना..देख कर सब कुछ,मगर सब कुछ अनदेखा कर देना...जो

सुनाई दिया वो कानो को भी खबर ना होने देना...लोग कहते है कि बहुत बदल गए है हम..सच तो

यह है कि सभी से बेखबर हो गए है अब...टुकड़े टुकड़े जीना छोड़ चुके है मगर खुद के लिए जीना है

कैसे...यह सब सीख गए है हम...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...