सब कुछ जान कर भी अनजान बने रहना..देख कर सब कुछ,मगर सब कुछ अनदेखा कर देना...जो
सुनाई दिया वो कानो को भी खबर ना होने देना...लोग कहते है कि बहुत बदल गए है हम..सच तो
यह है कि सभी से बेखबर हो गए है अब...टुकड़े टुकड़े जीना छोड़ चुके है मगर खुद के लिए जीना है
कैसे...यह सब सीख गए है हम...
सुनाई दिया वो कानो को भी खबर ना होने देना...लोग कहते है कि बहुत बदल गए है हम..सच तो
यह है कि सभी से बेखबर हो गए है अब...टुकड़े टुकड़े जीना छोड़ चुके है मगर खुद के लिए जीना है
कैसे...यह सब सीख गए है हम...