Tuesday 9 February 2016

किसी ने कहा मेेरे कानो मे हौले से....बनो गी ताउमर मेरी मुहबबत बन के...सजाऊ गा

माॅगा तेरी सिनदूरी शहनाई से..दूू गा दौलत के अॅबार शाही खजाने से...हम हॅस दिए उन

की बातो पे...आॅख भर आई उन की मुहबबत पे..कया करे गे दौलत के खजाने का..कया

करे गे शाही महलो का..बस देना मुझे रूहे मुहबबत..कि तेरी रूह ने ही मुझे पुकारा है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...