राहे वफा मे जो वो मिले..हम ने राहे बदल ली--कब तक करो गे पीछा,हम ने तो निगाहे
ही बदल ली--पयार मे तेरे इबादत ही नही,आधी अधूरी मुहबबत मे यकी रखते ही नही--
आज दम भरते हो मेरी मुहबबत का,कल किसी और की बाहो मे ना हो---फिर जिस
दुनिया से जुडे हो तुम,उस मे मेरी जगह कही भी नही और कुछ भी नही--
ही बदल ली--पयार मे तेरे इबादत ही नही,आधी अधूरी मुहबबत मे यकी रखते ही नही--
आज दम भरते हो मेरी मुहबबत का,कल किसी और की बाहो मे ना हो---फिर जिस
दुनिया से जुडे हो तुम,उस मे मेरी जगह कही भी नही और कुछ भी नही--