Thursday 18 February 2016

सदियो मे पैदा होने वाली..तेरी यह दुलहन..कयू उदास है आज--लौटा कर किसी को उस

की जिॅदगी..कयू फिर भी तनहा है आज--मौत को जो देखा इतनेे करीब से..कयू फिर

इस जिॅदगी से पयार हो गया--साॅसो को लुटा कर दूजो के नाम..कयू जिॅदगी का हाथ

फिर थाम लिया--हर वो दरद निभाए गे तेरे लिए..कि तेरी इस बात को काबिले ताऱीफ

कर के लौटेे गे तेरे पास कि तेरे जैसी दुलहन सदियो मे ही जनम लेती हैै--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...