कभी जिनदगी कर दी जो तेरे नाम..तो कसम खुदा की मर भी जाए गे..दे कर तुझी को अपनी साॅसे..खुद को खुद से आजाद कर जाए गे...फिर ना कहना कभी कि हम तेरी बातो सेे खौफ खाते है..तुझे किसी और की बाहो मे देख कर कयू डर जाते है..पास नही आते तेरे कि तेरी जुदाई से डर लगता है...तेरा दिल अब किसी और के लिए धडके..बस तब तो हम यकीकन तबाह हो जाए गे..तेरा होने के लिए खुदा की इबादत मे आखिरी साॅस तक झुकते जाए गे..खुददार है बहुुत..अपनी बातो से तेरी आशिकी को रूला रूला जाए गे..सोच कर करना पयार मुझ से..कि जनम लेे कर दुबारा तेरी राहो मे खडे हो जाे गे...
Sunday, 7 February 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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आहटे कभी झूट बोला नहीं करती,वो तो अक्सर रूह को आवाज़ दिया करती है...मन्नतो की गली से निकल कर,हकीकत को इक नया नाम दिया करती है...बरकत देती ...