हसीन है,पर बेवफा नही...पसनद है लाखो की,पर कातिल नही...ऱाज करते है लाखो की
चाहत पे,पर गुमाॅ खुद पे जऱा भी नही...इक इशारे पे मेरे,सजदे होते है...पर अपनी राहो
मे घिरे..किसी के कुछ भी नही....मुहबबत को मेरी अपनी जागीर समझने वाले...सपनो
मे मेेरे रॅग भरने के लिए लाखो है..पर हम किसी के भी नही..किसी के भी नही....
चाहत पे,पर गुमाॅ खुद पे जऱा भी नही...इक इशारे पे मेरे,सजदे होते है...पर अपनी राहो
मे घिरे..किसी के कुछ भी नही....मुहबबत को मेरी अपनी जागीर समझने वाले...सपनो
मे मेेरे रॅग भरने के लिए लाखो है..पर हम किसी के भी नही..किसी के भी नही....