वो तेरी सॅगनी .. तेरी किसमत है वो .. तेरी जिॅदगी के हर लमहे की साझेदार है वो .. कोई और तेरी जिॅदगी का हकदार ना हो .. तेरे पयार पे किसी और का पहरा ना हो .. जो दिखता है अकसर वो सच नही होता .. दूर रह कर भी कोई दूर नही होता .. कुछ रिशते बनते है फना होने के लिए .. बिना जाने उन को यू खामोश ना हो .. मजबूर हो कर ही कोई दूर होता है .. साॅसो की जिॅदगी के लिए उस से दूर होता है .. आबाद रहे तू हर लमहे मे .. कि कोई रूह से तेरे नाम को सलाम करता है .. दुआ ही दुआ है बस तेरे लिए .. तेरे साथ तेरे हमसफर को भी रूहे-सलाम करता है---
Tuesday, 23 February 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...