दोसतो--जब भी किसमत..जिॅदगी तकलीफे..दुख..दरद..परेशानी देने लगे--और आप इन से निकल ना पा रहे हो..तब भगवान् मे आसथा और बढा दीजिए..उन रूचियो को समय दीजिए जिन को आप कभी पूरा करना चाहते थे---खामोशी को अपना लीजिए...धीरे धीरे आप खुद को सहज महसूस करे गे--जिॅदगी बार बार नही मिलती...इस को जीना सीखे--नई सुबह मुबारक हो--शुभकामनाए सब के लिए----
Saturday, 27 February 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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मुददत हो गई तुम से जुदा हुए,पल फिर दिन,फिर महीने और अब बरसो बीत चुके है... पर उस मुहबबत को,उस चाहत को आज भी भूल नही पाए है...बातो की वो ख...
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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तेरे एक इशारे पे दुनिया छोड दी हम ने--रासते तो मिलते रहे मगर मजिॅल तुमही पे रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी ह...