Saturday, 27 February 2016

दोसतो--जब भी किसमत..जिॅदगी तकलीफे..दुख..दरद..परेशानी देने लगे--और आप इन से निकल ना पा रहे हो..तब भगवान् मे आसथा और बढा दीजिए..उन रूचियो को समय दीजिए जिन को आप कभी पूरा करना चाहते थे---खामोशी को अपना लीजिए...धीरे धीरे आप खुद को सहज महसूस करे गे--जिॅदगी बार बार नही मिलती...इस को जीना सीखे--नई सुबह मुबारक हो--शुभकामनाए सब के लिए----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...