हम खुदगरज नही इतने कि तेरी दुनिया मे बेेवजह ही चले आए--खौफ है खुदा का,कोई
खता ही ना कर जाए--फिजाओ मे तो बिखरे है ना जाने कितने ही सलाम--पर हम हर
सलाम को पीछे छोड कर,अपनी दुनिया मे जीने चले आए--इशक मुुहबबत कोई शै नही,
खरीदने का कोई मोल भी तो नही--फिर खुद से ही पयार करने,खुद के पास फिर चले
आए--हा चलेे आए---
खता ही ना कर जाए--फिजाओ मे तो बिखरे है ना जाने कितने ही सलाम--पर हम हर
सलाम को पीछे छोड कर,अपनी दुनिया मे जीने चले आए--इशक मुुहबबत कोई शै नही,
खरीदने का कोई मोल भी तो नही--फिर खुद से ही पयार करने,खुद के पास फिर चले
आए--हा चलेे आए---