Thursday 4 February 2016

हम खुदगरज नही इतने कि तेरी दुनिया मे बेेवजह ही चले आए--खौफ है खुदा का,कोई

खता ही ना कर जाए--फिजाओ मे तो बिखरे है ना जाने कितने ही सलाम--पर हम हर

सलाम को पीछे छोड कर,अपनी दुनिया मे जीने चले आए--इशक मुुहबबत कोई शै नही,

खरीदने का कोई मोल भी तो नही--फिर खुद से ही पयार करने,खुद के पास फिर चले

आए--हा चलेे आए---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...