पलकों के यह मोती क्यों आज इन्ही पलकों मे भर आए है...ख़ुशी है आज दिल मे, लेकिन क्यों साथ
साथ याद तेरी भी तो आई है...मुबारकबाद दे कर तुझे,तेरी धरोधर को आज भी अपने आँचल मे
समाए है...दुनिया की बुरी नज़रो से बचा कर,प्यार उसी के कदमो मे बिछाते आए है...समझने
समझाने के लिए बेशक कुछ भी नहीं,लेकिन वो क्या है जिस के लिए हर रोज़ तड़पते आए है...
साथ याद तेरी भी तो आई है...मुबारकबाद दे कर तुझे,तेरी धरोधर को आज भी अपने आँचल मे
समाए है...दुनिया की बुरी नज़रो से बचा कर,प्यार उसी के कदमो मे बिछाते आए है...समझने
समझाने के लिए बेशक कुछ भी नहीं,लेकिन वो क्या है जिस के लिए हर रोज़ तड़पते आए है...