Thursday 23 August 2018

यह मौसम है या हर तरह से तुझ पे फ़िदा होने का नशा...बरसती बूंदो का कमाल है या फिर भीग कर

तेरे नज़दीक आने का गहरा नशा...बहुत गुमान ना कर अपने मगरूर होने का...दौलत के नशे से कही

जय्दा गहरा है मेरी मुहब्बत का यह नशा...बारिश की बूंदो मे जब जब तन और मन भीग जाया करते

है...मुहब्बत की इस आग से दिल तो क्या,जज्बात ही पिघल जाया करते है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...