Saturday 18 August 2018

दुआ से बड़ा तोहफा और क्या होगा...कदम कदम तू जो चले,इन्ही दुआओ के घेरे मे चले..इस से

जय्दा प्यार और क्या होगा...शोहरत की बुलन्दियो पे सब तो नहीं जाते...किसी मोड़ पे खुदा कभी

तुझ को मिल जाए और तुझ से तेरी रज़ा पूछे...मांगना सिर्फ इतना  कि दुनिया मे कोई एक

शख्स ऐसा तो मिले जो रहे दूर मगर मेरी राहो मे फूल बिछाता जाए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...