Friday 23 March 2018

आज भी रातो मे तेरे एहसास की खुशबू आती है....सुबह सवेरे हवाओ मे तेरी रूमानी बातो की कसक

दिल को छू जाती है....परिंदे जब जब चहक चहक जाते है,फूलो पे जब भी भवरें राग सुनाते है....कोयल

की कू कू से जैसे तेरे आने का अंदेशा होता है.....वहम इसे माने कैसे,इस दिल की सदा को झूठा कैसे कह

दे....तेरे हर अंदाज़ से वाकिफ है,तेरी सांसो की महक आज भी मेरे जिस्म से आती है....मेरी रूह के तार

झनक झनक जाते है,जब भी तेरी रूह मेरी रूह से मिलने आती है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...