आज भी रातो मे तेरे एहसास की खुशबू आती है....सुबह सवेरे हवाओ मे तेरी रूमानी बातो की कसक
दिल को छू जाती है....परिंदे जब जब चहक चहक जाते है,फूलो पे जब भी भवरें राग सुनाते है....कोयल
की कू कू से जैसे तेरे आने का अंदेशा होता है.....वहम इसे माने कैसे,इस दिल की सदा को झूठा कैसे कह
दे....तेरे हर अंदाज़ से वाकिफ है,तेरी सांसो की महक आज भी मेरे जिस्म से आती है....मेरी रूह के तार
झनक झनक जाते है,जब भी तेरी रूह मेरी रूह से मिलने आती है....
दिल को छू जाती है....परिंदे जब जब चहक चहक जाते है,फूलो पे जब भी भवरें राग सुनाते है....कोयल
की कू कू से जैसे तेरे आने का अंदेशा होता है.....वहम इसे माने कैसे,इस दिल की सदा को झूठा कैसे कह
दे....तेरे हर अंदाज़ से वाकिफ है,तेरी सांसो की महक आज भी मेरे जिस्म से आती है....मेरी रूह के तार
झनक झनक जाते है,जब भी तेरी रूह मेरी रूह से मिलने आती है....