Tuesday 20 March 2018

गहन ख़ामोशी से,खुद के लिए छोटी से जगह मे समा जाना.....कोई ढूंढे भी तो कहाँ तक ढूंढे,नीर मे

खुद को इस दुनिया से जुदा करना....मेरी उम्मीदों को पूरा करने के लिए,हर वक़्त सज़े रहने का वादा

ले कर जाना....नूर चेहरे का कभी कम ना हो,मुस्कुराने की वो अदा कभी खतम ना हो...जब जब आऊ

नूर की रोशन अदा से सकून को पाऊ....जन्मो के साथ का वादा है दुल्हन,तेरे लिए तो हर जहाँ को भी

छोड़ कर आ जाऊ....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...