तुझे याद करे या तुझे भूल जाए....तेरी यादो के साथ जिए या फिर इस ज़िंदगी से दूर बहुत दूर कही
निकल जाए....दस्तक दे रही है आज भी तेरी वोही सुनहरी यादे,सीने को सुलगा रही है तेरी रूमानी
बातें....इन सब को समझने के लिए दुनिया की समझ कोरी है,बेकार की गुफ्तगू के लिए यह दुनिया
मुझ पे यक़ीनन भारी है....इन सभी से अलग तेरी ही नज़रो मे हम तेरे है...अब तू ही बता,इन को
खुद मे शामिल करे या सिरे से नकार जाए...
निकल जाए....दस्तक दे रही है आज भी तेरी वोही सुनहरी यादे,सीने को सुलगा रही है तेरी रूमानी
बातें....इन सब को समझने के लिए दुनिया की समझ कोरी है,बेकार की गुफ्तगू के लिए यह दुनिया
मुझ पे यक़ीनन भारी है....इन सभी से अलग तेरी ही नज़रो मे हम तेरे है...अब तू ही बता,इन को
खुद मे शामिल करे या सिरे से नकार जाए...