Wednesday 7 March 2018

सूरत तेरी कभी देखी तो नहीं,मगर लाजवाब सीरत से तेरी वाकिफ है....बूंद बूंद पानी से भरता है

समंदर,तेरी बातो की गहराइयों से यह दिल घायल है....ज़ज़्बात दिखते नहीं मगर तेरी गुफ्तगू से

छलक छलक जाते है....देखे नहीं,मिले भी नहीं लेकिन तेरी बेबाकियो को अंदर तक पहचान जाते

है....कुछ कहते है कि दुनिया बहुत लम्बी है,हम कहते है कि यह बहुत ही छोटी है...मिले गे किसी ना

किसी मोड़ पर,कि तेरी पाक मुहब्बत से हम खूब  वाकिफ है.... 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...