सूरत तेरी कभी देखी तो नहीं,मगर लाजवाब सीरत से तेरी वाकिफ है....बूंद बूंद पानी से भरता है
समंदर,तेरी बातो की गहराइयों से यह दिल घायल है....ज़ज़्बात दिखते नहीं मगर तेरी गुफ्तगू से
छलक छलक जाते है....देखे नहीं,मिले भी नहीं लेकिन तेरी बेबाकियो को अंदर तक पहचान जाते
है....कुछ कहते है कि दुनिया बहुत लम्बी है,हम कहते है कि यह बहुत ही छोटी है...मिले गे किसी ना
किसी मोड़ पर,कि तेरी पाक मुहब्बत से हम खूब वाकिफ है....
समंदर,तेरी बातो की गहराइयों से यह दिल घायल है....ज़ज़्बात दिखते नहीं मगर तेरी गुफ्तगू से
छलक छलक जाते है....देखे नहीं,मिले भी नहीं लेकिन तेरी बेबाकियो को अंदर तक पहचान जाते
है....कुछ कहते है कि दुनिया बहुत लम्बी है,हम कहते है कि यह बहुत ही छोटी है...मिले गे किसी ना
किसी मोड़ पर,कि तेरी पाक मुहब्बत से हम खूब वाकिफ है....