प्यार को कोई नाम ना दे....इस की चमक को कोई पैगाम ना दे....लहरों की चंचल धारा की तरह जो
बहती जाए,इस मुहब्बत को कोई गलत इलज़ाम ना दे.....पाक रहे इतना रिश्ता,कि खुदा के पास जा
कर कोई शर्मिंदगी का एहसास ना हो....कदमो पे फूल बिछाने के लिए,मेरे आने को इंतज़ार का कोई
रंग ना दे....दूर रह कर प्यार की सिर्फ इबादत कर...मगर इस प्यार को कोई नाम ना दे....
बहती जाए,इस मुहब्बत को कोई गलत इलज़ाम ना दे.....पाक रहे इतना रिश्ता,कि खुदा के पास जा
कर कोई शर्मिंदगी का एहसास ना हो....कदमो पे फूल बिछाने के लिए,मेरे आने को इंतज़ार का कोई
रंग ना दे....दूर रह कर प्यार की सिर्फ इबादत कर...मगर इस प्यार को कोई नाम ना दे....