Saturday 31 March 2018

आ मेरे पास कि दिल का आंगन सूना सूना आज भी है....उसी अदा से तेरा आंखे झपकाना,कसम

तेरी सब याद आज भी है....चलते चलते पलट कर फिर मुझी को देखना,वो तेरी खता मेरी नज़रो मे

समाई आज भी है....मै उदास हू यह जान कर मेरे गले से लिपट जाना,वो मासूम सा एहसास रूह के

आस पास आज भी है.....खुशकिस्मत तब भी थे,खुशकिस्मती आज भी है....मेरे आंगन मे तेरा

चमकना,वो सारा वक़्त याद तो आज भी है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...