Friday 23 March 2018

हज़ारो जन्मो का वादा ले कर,हज़ारो जन्मो का वादा दे कर.... सकून से रह पाए गे....रिश्तो मे नहीं

नातो मे नहीं...बरस दर बरस इंतज़ार मे गुजरते जाए गे....इल्ज़ाम बहुत मिले है,कभी अपनों से तो

कभी बेगानो से....ज़ख्मो की आंधी मे गिरे दरख़्त मेरे अपने आंगन मे....इतनी नियामते साथ रही मेरे

कि जड़ कभी टूटी नहीं...शाखाएं कभी बिखरी कभी हिलती रही,ज़मीन से जुड़ाव टूटा ही नहीं...हा...तुझ

से जन्मो का वादा है,जो कभी टूटे गा ही नहीं....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...