Wednesday, 31 January 2018

उस नूर का क्या कहना,जो तेरे चेहरे पे बिखरा है ---- उस अदा को क्या नाम दू,जिस ने मेरे दिल का चैन

लूटा है----उन हसीं वादियों को क्या कह कर पुकारू,जिस मे तेरे जिस्म का वज़ूद महकता है----नैनो की

भाषा कैसे पढ़ पाऊ,देख कर मुझे तेरी पलकों ने इन का शामियाना जो झुकाया है----दिल की धडकने

सुनने की ताकत तो है मुझे मे,पर मेरे दिल ने बरसो हुए तेरे ही दिल को तुझ से चुराया है----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...