नियामतों का खज़ाना देने वाले...मेरे परवरदिगार तेरा शुक्रिया करते है----दुखो का साथ भले साथ
चले,मगर तेरे रहम साथ साथ रहते है-----आँखों मे आंसू बहते है मगर,तेरे दर पे यह शीश फिर भी
झुकाते है----हर आंसू से तेरे चरण धो कर,हम तुझी को मन से नमन करते है---इंसा है एक मामूली
से,पर बचपन मे सिखाई गुरु की बात याद रखते है---दुखो का रेला कितना भी बहे,हर सुबह मेरे
परवरदिगार तुझे हर बात के लिए शुक्रिया ही शुक्रिया करते है------
चले,मगर तेरे रहम साथ साथ रहते है-----आँखों मे आंसू बहते है मगर,तेरे दर पे यह शीश फिर भी
झुकाते है----हर आंसू से तेरे चरण धो कर,हम तुझी को मन से नमन करते है---इंसा है एक मामूली
से,पर बचपन मे सिखाई गुरु की बात याद रखते है---दुखो का रेला कितना भी बहे,हर सुबह मेरे
परवरदिगार तुझे हर बात के लिए शुक्रिया ही शुक्रिया करते है------