Friday 12 January 2018

शायरी तो बस शायरी है,मेरे इन पन्नो पे भरी---मेरे लफ्ज़ो की अदायगी को ना समझे कोई ,मेरे

इकरार की लड़ी----दिलों को जो दर्द से भर दे,है इन मे कही जादू की छड़ी---कभी यु ही रुला दे,सोचिये

है कितनी ताकत इन लफ्ज़ो मे भरी----मुहब्बत के नाम से बस दिल को हौले से सहला दे,कितनी

हसीं ज़िंदगी है इस के साथ जुड़ी----कितना शुक्राना कहू,कितना आदाब करू---बस मेरे लफ्ज़ो से

सजी है मेरे इन्ही पन्नो की शायरी-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...