रोने के लिए आज वक़्त नहीं है मेरे पास.....तेरे ही दिन पे,तेरे लिए सवरने के लिए बस बेताब है हम
कोई क्या कहता है..कोई क्या कहे गा-इस से परे तेरी ही दुनिया मे शिरकत करने को तैयार हो रहे है
हम--रूह मेरी मुकम्मल तो तभी होगी,जब तेरी रूह सज़दा करे गी मेरे हुसने-यार के आस पास--ना
छेड़ मेरी उन्ही धडकनो के तार,जिन्हे छुआ था तूने पहली पहली बार--तेरा वही अहसास आज भी है
मेरे दिलो-दिमाग के बहुत ही पास..बहुत ही पास---
कोई क्या कहता है..कोई क्या कहे गा-इस से परे तेरी ही दुनिया मे शिरकत करने को तैयार हो रहे है
हम--रूह मेरी मुकम्मल तो तभी होगी,जब तेरी रूह सज़दा करे गी मेरे हुसने-यार के आस पास--ना
छेड़ मेरी उन्ही धडकनो के तार,जिन्हे छुआ था तूने पहली पहली बार--तेरा वही अहसास आज भी है
मेरे दिलो-दिमाग के बहुत ही पास..बहुत ही पास---