ना इंकार करते हो, ना इकरार करते हो--बला के खूबसूरत हो,निगाहे-राज़ करते हो--अदाए मार डाले
गी,यू ही दूर जाते रहे नज़दीकिया पास आए गी--पत्थर-दिल सनम मेरे,खुदा का नूर हो लेकिन खुदा
क्यों खुद को मान बैठे हो--हुस्न से मालामाल हो लेकिन,इश्क के बिना कैसे ज़ी पाओ गे--राहो मे खुद
ही चले आओ,फिर ना कहना किसी और के हुस्न को अपना क्यों मान बैठे हो---
गी,यू ही दूर जाते रहे नज़दीकिया पास आए गी--पत्थर-दिल सनम मेरे,खुदा का नूर हो लेकिन खुदा
क्यों खुद को मान बैठे हो--हुस्न से मालामाल हो लेकिन,इश्क के बिना कैसे ज़ी पाओ गे--राहो मे खुद
ही चले आओ,फिर ना कहना किसी और के हुस्न को अपना क्यों मान बैठे हो---