Wednesday 5 April 2017

ना इंकार करते हो, ना इकरार करते हो--बला के  खूबसूरत हो,निगाहे-राज़ करते हो--अदाए मार डाले

गी,यू ही दूर जाते रहे नज़दीकिया पास आए गी--पत्थर-दिल सनम मेरे,खुदा का नूर हो लेकिन खुदा

क्यों खुद को मान बैठे हो--हुस्न से मालामाल हो लेकिन,इश्क के बिना कैसे ज़ी पाओ गे--राहो मे खुद

ही चले आओ,फिर ना कहना किसी और के हुस्न को अपना क्यों मान बैठे हो---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...