जय माता दी दोस्तों...ज़िन्दगी मे कल क्या होगा,कौन जाने ---हम अक्सर यही सोच कर दुखी होते रहते है...अपने अपने कर्मो का फल हम सब को भुगतना ही पड़ता है..और यही सच है..जो है बस यही आज है...हर हाल मे माँ का शुक्रिया अदा करे..पूजा मे,अपनी प्राथनाओं मे अपने मन की हर बात,हर उलझन माँ को बताये..उन से ज्यादा हमारी कोई नहीं सुन सकता...आज अष्ठमी के अवसर पर माँ का मन से आत्मा से शुक्रिया कीजिये.....जय माता दी..जय माता दी....
Monday, 3 April 2017
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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बैठे है खुले आसमाँ के नीचे,मगर क्यों है बेहद ख़ामोशी यहाँ...कलम कह रही है क्यों ना लिखे ख़ामोशी की दास्तां यहाँ...आज है ख़ामोशी खामोश यहाँ औ...