Sunday 30 April 2017

आवाज़ जो आई सीने से मेरे,लगा कि सब टूट ही गया---घबरा के जो खोली आंखे तो इक मासूम नज़ारा

दिल को कौंध गया---मुस्कुरा दिए उस भोली अदा पे हम,मिट गए उन नन्हे कदमो पे हम---दुआओ से

भर दिया आँचल उस का,ना लगे नज़र किसी की उसे सीने मे ही बसा लिया---खुशियों से भरा रहे दामन

तेरा,अपनी उम्र का हर लम्हा आज तेरे ही नाम कर दिया----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...