Wednesday 12 April 2017

कहते है खामोशियाँ कभी बोला नहीं करती---पर हर ख़ामोशी मे तेरी आवाज़ क्यों सुनाई देती है----

बहुत देर गुफ्तगू होने  के बाद,हर चीज़ खूबसूरत क्यों नज़र आती है---जिस्म हल्का हो जाता है,और

रूह सकून से भर जाती है---तेरे बाद किसी और के लिए वक़्त कहाँ होता है--गर्म हवाओ मे क्यों सर्द

मौसम का अहसास होता है---तेरे जाने के बाद  क्यों गुफ्तगू करने का मन फिर हो आता है-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...