ना छेड़ साज़ ज़िन्दगी के मेरे,अपनी ज़िन्दगी को ही भूल जाए गा--ना कर अटखेलिया ज़ुल्फो से मेरी,
तेरा ईमान डोल जाए गा---साँसों की खुशबू मे खोने से पहले,साँसे अपनी तू कैसे ले पाए गा--मेरी जान
मे अटकी है जान तेरी,यह सोच कर तू अब किसी और का भी ना हो पाए गा--रूबरू हो जा मेरी ही रूह से
ज़रा,लाज़मी है कि अपनी ही रूह को यक़ीनन भूल जाए गा---
तेरा ईमान डोल जाए गा---साँसों की खुशबू मे खोने से पहले,साँसे अपनी तू कैसे ले पाए गा--मेरी जान
मे अटकी है जान तेरी,यह सोच कर तू अब किसी और का भी ना हो पाए गा--रूबरू हो जा मेरी ही रूह से
ज़रा,लाज़मी है कि अपनी ही रूह को यक़ीनन भूल जाए गा---