Friday 7 April 2017

खुशबू तेरी सांसो की है इतनी महकी महकी,कि फिज़ाओ को लाज आती है---तेरे आने की खबर से यह

दुनिया भी ज़न्नत सी नज़र आती है---तेरे छूने से इन वादियों मे एक सरसराहट सी क्यों चली आती है

गुफ्तगू करते है धीमे से मगर,चांदनी को खबर हो जाती है---चाँद को छिपाती है अपने आंचल मे,पर

दुनिया को खबर हो जाती है--तेरी सरगोशियों से मेरे जिस्मो-जान क्यों सिहर जाती है---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...