खुशबू तेरी सांसो की है इतनी महकी महकी,कि फिज़ाओ को लाज आती है---तेरे आने की खबर से यह
दुनिया भी ज़न्नत सी नज़र आती है---तेरे छूने से इन वादियों मे एक सरसराहट सी क्यों चली आती है
गुफ्तगू करते है धीमे से मगर,चांदनी को खबर हो जाती है---चाँद को छिपाती है अपने आंचल मे,पर
दुनिया को खबर हो जाती है--तेरी सरगोशियों से मेरे जिस्मो-जान क्यों सिहर जाती है---
दुनिया भी ज़न्नत सी नज़र आती है---तेरे छूने से इन वादियों मे एक सरसराहट सी क्यों चली आती है
गुफ्तगू करते है धीमे से मगर,चांदनी को खबर हो जाती है---चाँद को छिपाती है अपने आंचल मे,पर
दुनिया को खबर हो जाती है--तेरी सरगोशियों से मेरे जिस्मो-जान क्यों सिहर जाती है---