Saturday 10 August 2019

टिम टिम करते सितारों से अक्सर सवाल पूछा करते है..इतने बड़े आसमान मे अपने साथी को कैसे ढूंढ

लेते है....हो दिन का उजाला या रात का वो अँधेरा,बिखरे तो सभी इसी आसमान मे है...जवाब सुना तो

पाया,भाषा इन की हम जैसी ही है ...दूर दराज़ रहे बेशक महक तो सब की अलग ही है...जो महक रूह

को छू ले,वही साथी मेरा है..बात बात पे जो उलझे मुझ से,मुहब्बत का तो उसी पे पहरा है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...