Thursday 8 August 2019

 खूबसूरती पे हमारी ना कसीदे पढ़िए जनाब...बरसात और तेज़ हो जाए गी...ना दीजिए कोई खिताब

बादलों के फटने की उम्मीद बढ़ जाए गी..सावन तो वैसे ही राज़ी नहीं रुकने को..ऊपर से माशा-आल्हा

तेरा बोलना बेहिसाब,किस रंजिश को जन्म दे गी...सज़दा कर रहे है तेरे इश्के-हिजाब पे,तुझे कभी

लगे ना किसी की नज़र मेरे ख्याल से..आ छुपा ले तुझे सीने मे,ज़माना ढूंढे से भी ना ढूंढ पाए तुझे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...