हालातो ने ली करवट और हम कलाकार बन गए..लिखने पे आए तो एक शायर ही बन गए...मासूमो
ने दी दस्तक दर दे हमारे तो हम उन के मसीहा ही बन गए...अब कोई यह कहे कि सम्भालो हमारा
सम्मान,ना जी ना हम इतने अभी इस काबिल भी नहीं हुए...मामूली सी हस्ती है,नाचीज़ से इंसान...
मुस्कुरा कर क्या बोले तो क्या हम खुदा ही बन गए...
ने दी दस्तक दर दे हमारे तो हम उन के मसीहा ही बन गए...अब कोई यह कहे कि सम्भालो हमारा
सम्मान,ना जी ना हम इतने अभी इस काबिल भी नहीं हुए...मामूली सी हस्ती है,नाचीज़ से इंसान...
मुस्कुरा कर क्या बोले तो क्या हम खुदा ही बन गए...