ना मैं शामिल हू तेरे अपनों मे--ना शामिल हू तेरे दर-दरीचों मे---हवा हू इक ऐसी जो महकती है तेरी
बेजान राहो मे--सुबह की धूप की तरह तेरे चेहरे पर जो रौनक देती है---दोपहर आने तक तेरे जिस्म मे
जान भर देती है---घूम आ सारा जहां,ताकत बन कर तेरे साथ रहती है--बस गुस्ताखी मुझे भूल जाने की
ना करना--नाज़ुक हू तितली की तरह,तेरी तेज़ साँसों से भी बिखर जाऊ गी--हर मोड़ पे जो दुआ बन जाए
वो फरिश्ता हू तेरे जीवन मे---
बेजान राहो मे--सुबह की धूप की तरह तेरे चेहरे पर जो रौनक देती है---दोपहर आने तक तेरे जिस्म मे
जान भर देती है---घूम आ सारा जहां,ताकत बन कर तेरे साथ रहती है--बस गुस्ताखी मुझे भूल जाने की
ना करना--नाज़ुक हू तितली की तरह,तेरी तेज़ साँसों से भी बिखर जाऊ गी--हर मोड़ पे जो दुआ बन जाए
वो फरिश्ता हू तेरे जीवन मे---