ख़्वाहिशों को हमेशा के लिए सीने मे दबा लेना---हसरतों को प्यार से मना लेना यह कह कर--तेरा एक
ही मकसद है दुनिया मे जीने का,खुशियां सब को बाँट देना---दिल जिस जिस ने भी दुखाया मेरा,उस के
लिए भी सिर्फ दुआ मांगते रहे--बचपन की हर सीख़ को हर साँस के साथ निभाते रहे--क्या यह कम था
जो अब तक सीखा वो जीवन मे अपने उतारते ही रहे---किस से गिला करे,जीवन सब का संवारा मगर
खुद को हमेशा धोखा देते रहे---
ही मकसद है दुनिया मे जीने का,खुशियां सब को बाँट देना---दिल जिस जिस ने भी दुखाया मेरा,उस के
लिए भी सिर्फ दुआ मांगते रहे--बचपन की हर सीख़ को हर साँस के साथ निभाते रहे--क्या यह कम था
जो अब तक सीखा वो जीवन मे अपने उतारते ही रहे---किस से गिला करे,जीवन सब का संवारा मगर
खुद को हमेशा धोखा देते रहे---