चेहरे पे सजी यह दो आंखे..साधारण सा मुखड़ा और दुआ देती यह उठती-गिरती साँसे...कुछ रचे-बसे
संस्कारो के सूंदर धागे...मीठी मुस्कान लिए जीवन का पाठ सिखाते मन के अछूते वादे...किसी को दिया
जीवन का ज्ञान तो कभी अपनी हंसी से लूटा दिलो का विज्ञानं...जितना जाना उतना सब को बाँट दिया..
मामूली इंसान को किसी ने इतना खास कहा,झुके धरा पे बारम्बार...एहसान तले दबे है परवरदिगार ..
एक साधारण इंसा को दुनिया ने दिया बहुत सम्मान...
संस्कारो के सूंदर धागे...मीठी मुस्कान लिए जीवन का पाठ सिखाते मन के अछूते वादे...किसी को दिया
जीवन का ज्ञान तो कभी अपनी हंसी से लूटा दिलो का विज्ञानं...जितना जाना उतना सब को बाँट दिया..
मामूली इंसान को किसी ने इतना खास कहा,झुके धरा पे बारम्बार...एहसान तले दबे है परवरदिगार ..
एक साधारण इंसा को दुनिया ने दिया बहुत सम्मान...