हर दौड़ ज़िंदगी की आसान नहीं होती...कितनी मशक्कत के बाद कोई एक राह ही सफल होती है
हज़ारो दिए बुझते है वक़्त की हवाओ मे,रात भर जगते है गर्म फिजाओ मे....ना चाहते हुए भी लब
बेवजह मुस्कुरा देते है....इक नन्ही सी आरज़ू के साथ,हज़ारो सपने जुड़े होते है...कभी कभी अकेले
यह ज़िंदगी दूर कही बहुत दूर निकल जाती है....सोचते सोचते उम्र भी निकल जाती है....हिम्मत का
साथ ना छूटे कही,कि यह दौड़ ज़िंदगी की बड़ी मुश्किल पकड़ मे आती है....
हज़ारो दिए बुझते है वक़्त की हवाओ मे,रात भर जगते है गर्म फिजाओ मे....ना चाहते हुए भी लब
बेवजह मुस्कुरा देते है....इक नन्ही सी आरज़ू के साथ,हज़ारो सपने जुड़े होते है...कभी कभी अकेले
यह ज़िंदगी दूर कही बहुत दूर निकल जाती है....सोचते सोचते उम्र भी निकल जाती है....हिम्मत का
साथ ना छूटे कही,कि यह दौड़ ज़िंदगी की बड़ी मुश्किल पकड़ मे आती है....