Thursday, 24 May 2018

खूबसूरत ना सही खूबसीरत तो है...इश्क भले ना सही मगर नफरत के निशाँ भी तो नहीं...दिल के

जज्बात समझने के लायक ना सही,पर साफ़ दिल के मालिक ही सही...शातिर दुनिया से निपटने के

लिए कही कोई गलत मंशा ही नहीं,मगर यही दुनिया तुझ को दीवाना कह दे यह सुनना मुझे कतई

माक़िफ़ ही नहीं...तुझे प्यार करने के लिए तेरी सूरत को नहीं चुना मैंने,एक पाक मुहब्बत है रूह मे

दाखिल तेरे...बस यही सोच कर तेरे दिल के दरवाजे पे दस्तक दी है मैंने......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...