Sunday 27 May 2018

आ चाँद को धरती पे उतार लाए हम...जो जितना दिल मे रहा,उस सब को दुआओ मे बदल जाए हम...

तारे चाँद को कभी छू नहीं पाते मगर उस को देखने के लिए रात भर नज़र रखते है वो...दिल के अंधेरे

उजाले कभी दिखते नहीं मगर,दिल से दिल जुड़े हो जहां धडकनो को बुलाया करते है वहाँ...कुछ मेरी

सुनो कुछ हम तेरी सुने,आ इसी चाँद को अपने आशियाने मे उतार लाए ज़रा ....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...