आ चाँद को धरती पे उतार लाए हम...जो जितना दिल मे रहा,उस सब को दुआओ मे बदल जाए हम...
तारे चाँद को कभी छू नहीं पाते मगर उस को देखने के लिए रात भर नज़र रखते है वो...दिल के अंधेरे
उजाले कभी दिखते नहीं मगर,दिल से दिल जुड़े हो जहां धडकनो को बुलाया करते है वहाँ...कुछ मेरी
सुनो कुछ हम तेरी सुने,आ इसी चाँद को अपने आशियाने मे उतार लाए ज़रा ....
तारे चाँद को कभी छू नहीं पाते मगर उस को देखने के लिए रात भर नज़र रखते है वो...दिल के अंधेरे
उजाले कभी दिखते नहीं मगर,दिल से दिल जुड़े हो जहां धडकनो को बुलाया करते है वहाँ...कुछ मेरी
सुनो कुछ हम तेरी सुने,आ इसी चाँद को अपने आशियाने मे उतार लाए ज़रा ....